दतिया। लॉकटाउन की संकट घड़ी में फे सबुक और वॉट्सएप भी मदद का जरिया बन गया है। एक कमेंट पर जरुरतमंद लोगों के पास भोजन, राशन और दवाएं मुफ्त में मिल रही हैं। शहर में ऐसे कई नौजवान व समाजसेवी ऐसे है। इंहोंने यह ग्रुप बनाया और लोगों की मदद कर रहे हैं। अभी तक इन लोगों की ओर से करीब 1 हजार से अधिक लोगों को भोजन के पैके ट और राशन उपलब्ध कराया जा चुका है। हम बात कर रहे है दतिया के 'साथी हाथ बढ़ाना ग्रुप' की है। इस ग्रुप में 300 से अधिक लोग जुड़े हुए है। इनमें युवा, समाजसेवी, व्यापारी और प्रशासनिक अमले के अधिकारी भी शामिल है। हर दिन इस ग्रुप पर समाजसेवी लोग एक-दूसरे के टच में रहते है। वहीं पूरा राशन का सामान गहोई वाटिका में एकि त्रत कि या जा रहा है। यहीं पर सभी लोग एक साथ मौजूद रहकर वॉट्सएप को देखते है। कमेंट आया तो वहां पर यह लोग पहुंचकर जरुरत मंद लोगों को राशन सामग्री और दवाएं उपलब्ध कराई जाती है। इस सामान की कमी होती उसकी जानकारी ग्रुप पर ही शेयर की जाती है। उसके बाद वह सामग्री उनके नीयत स्थान तक पहुंच जाती है।
7 दिन में 1400 पैके ट भोजन कि या वितरित
समाजसेवी कृपालदास सिंधी बताते है, कि पूरे सिंधी समाज के अनेक संगठन को एक साथ जोड़कर रखा है। जरुरंत मंदों को भोजन देने के लिए एक'एक घर से रोटी एक त्र कर सब्जी के साथ गरीबों को पहुंचाते है। यह लोग दोपहर 12 बजे से शहर में निकलते है और गरीब व निर्धन लोगों को पैके ट उपलब्ध कराते है। इन्होंने बताया कि 7 दिनों में 1400 पॉके ट वितरित करते हैं। हर दिन का लक्ष्य 200 पैके ट का रखा गया हैं। इसके साथ ही इनकी ओर से जरुरतमंदों को अपना नंबर भी देकर जाते है। वहीं कोई ओर आवश्यकता होने पर उसे भी पूरा कि या जा सके ।
माई की कृपा, कमरा कभी नहीं होता खाली
गहोई वाटिका में राशन का सामान एकि त्रत कि या जा रहा है। समाजसेवी अमित महाजन बताते है, कि उनके सहयोगी हर क्षेत्र में जाते है। वहीं जरुरत राशन की होती है तो वॉट्सएप पर सूचना मिलते ही उनके नीयत स्थान पर राशन पहुंचा दिया जाता है। शहर में व्यापारी, हर वर्ग के लोग जरुरत के हिसाब से यहां पर राशन सामग्री दे जाते हैं। इन्हीं राशन को पैके ट बनाकर हमारी ओर से जरुरतमंदों के पास पहुंचा दिया जाता है। उन्होंने बताया, कि इस पैके ट में 5 कि लो आटा, एक कि ला दाल, एक कि ला तेल, एक कि ला चावल, चार साबुन नहाने के और चार साबुन कपड़ा धोने के और दो बिस्कु ट के पैके ट रखे जाते हैं।
24 घंटे फे सबुक पर भी रहते है अपडेट
समाजसेवी अमित महाजन ने बताया, कि कई लोग ऐसे है जो वा़ट्सएप पर जुड़े नहीं है। वहीं फे सबुक की मदद से वह समय-समय पर मैसेज करते रहते है। उनके बताए हुए जगहों पर गरीबों के लिए भोजन और राशन उपलब्ध करा दिया जाता है। उनकी ओर से सभी सदस्यों से कहा गया है, कि वह वॉट्सएप के साथ फे सबुक पर भी अपडेट रहे।